विवाहित महिला की संदिग्ध मौत, परिजनों ने ससुराल पक्ष पर लगाया आरोप, अमलतास अस्पताल में कैंटीन में काम करने वाले युवक की दुर्घटना में मौत, जिले में प्रदर्शन, धरना, सभा, रैली, जुलूस आदि सक्षम अधिकारी से पूर्वानुमति के बिना आयोजित ना किया जाएं- कलेक्टर, छोटे भाई और उसकी पत्नि के साथ मारपीट करने वाले भईया-भाभी एवं भतीजे को न्यायालय ने दी सजा।

एक विवाहित महिला सपना पति शुभम चौहान उम्र 28 निवासी ससुराल टिगरिया मायका करनाखेड़ी को आज परिजन देवास जिला अस्पताल लाए ।
जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित किया । मृतक महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि मृतका के पति शुभम व ससुराल पक्ष के लोगों ने हमारी बेटी को जबरन जहर खिलाकर उसकी जान ले ली और जिला अस्पताल में छोड़कर भाग गए हमें सूचना मिली हम मौके पर पहुंचे तो हमारी बेटी हमें भी अमृत अवस्था में मिली हमारी मांग है कि पति है वह परिवार वालों पर पुलिस कड़ी कार्रवाई करें मैं आपको बता दे की मृतिका का 1 बेटा हे 15 साल का।
अमलतास हॉस्पिटल के कैंटीन में कार्य करने वाले युवक की दुर्घटना में मौत
अमलतास हॉस्पिटल के कैंटीन में कार्य करने वाले शक्ति पिता तुलसीराम अहिरवार उम्र 35 निवासी ग्वालियर हाल मुकाम अमलतास हॉस्पिटल कैंटीन देवास जब आज अमलतास हॉस्पिटल के बाहर सामान लेकर रोड क्रॉस कर रहे थे तभी तेज रफ्तार से आई पिकअप वाहन ने युवक को जोरदार टक्कर मार दी जिससे युवक की मौके पर ही मौत हो गई जिसके बाद युवक को पोस्टमार्टम के लिए देवास जिला अस्पताल भेजा। इस संबंध मेंजानकारी देते हुए कैंटीन संचालक ने बताया कि मृतक हमारे वहां करीब 5 साल से कम कर रहा था और वह देवास में ही रहता था उसका परिवार ग्वालियर में रहता है आज अमलतास हॉस्पिटल कैंटीन की छुट्टी थी इसलिए वह घूमने गया था जब अंदर अस्पताल में आ रहा था तभी अस्पताल के गेट के सामने तेज रफ्तार गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी।
जिले में प्रदर्शन, धरना, सभा, रैली, जुलूस आदि सक्षम अधिकारी से पूर्वानुमति के बिना आयोजित ना किया जाएं- कलेक्टर ——–
कलेक्टर श्री ऋतुराज सिंह ने देवास जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। ——–
देवास कलेक्टर श्री ऋतुराज सिंह ने आगामी आने वाले धार्मिक त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुए देवास जिले की संवेदनशीलता और कानून व्यवस्था की स्थिति का उल्लेख कर आमजन की सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से सपूर्ण देवास जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की है। कलेक्टर श्री सिंह ने पुलिस अधीक्षक, देवास द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त प्रतिवेदन का अवलोकन कर एवं तत्संबंध में विभिन्न स्त्रोतों से चर्चा कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की गई। विचारोपरान्त यह स्पष्ट है कि वर्तमान में जिले में चल रही विभिन्न गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुए जन सामान्य के हित व जानमाल की सुरक्षा, लोकशांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए संपूर्ण जिला देवास में विभिन्न प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किए है। अतः जन सामान्य के हित/जानमाल की सुरक्षा तथा लोकशांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1), (2) के तहत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिला देवास के संपूर्ण क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने आदेश जारी किए हैं कि विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रदर्शन, धरना, सभा, रैली, जुलूस आदि सक्षम अधिकारी से पूर्वानुमति के बिना आयोजित ना किया जावें। ध्वनि विस्तार यंत्रों का प्रयोग निहित शर्तों के अधीन सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना नहीं किया जायें। रैली, जुलूस आदि में किसी प्रकार के अस्त्र, शस्त्र धारण / प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध रहेगा। बिना अनुमति पांडाल आदि निर्माण पर प्रतिबन्ध तथा इलेक्ट्रॉनिक संसाधन जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, मैसेज / चित्र, कंमेंट, पोस्टर एवं अन्य सोशल मीडिया आदि पर विधि विरुद्ध संदेश के प्रसारण, अग्रेषण, सांप्रदायिक टिप्पणी पर प्रतिबन्ध किए गए हैं। जारी आदेश में उल्लेख हैं कि कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य पक्ष सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार के धारदार या अन्ध हथियार, आग्नेय शस्त्र, हॉकी, डण्डा, रॉड इत्यादि लेकर नहीं चलेगा अथवा दुरूपयोग नहीं करेगा और न ही प्रदर्शन करेगा। कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य पक्ष सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना किसी भी स्थान पर सभा, धरना, प्रदर्शन, जुलुस, रैली, सार्वजनिक कार्यक्रम आदि का आयोजन नहीं करेगा। कोई व्यक्ति संस्था, समूह या अन्य पक्ष सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना डी.जे./ ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग नहीं करेगा। प्रत्येक को म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा The Noise Pollution (Regulation and Control) Rule, 2000 एवं ध्वनि प्रदुषण (विनियमन और नियंत्रण) (संशोधन) नियम, 2010 के प्रावधानों का पूर्ण पालन करना आवश्यक होगा। कोई व्यक्ति संस्था, समूह या अन्य अन्य कोई भी धरना, जुलूस, प्रदर्शन, सभा या रैली आदि में एसिड, पेट्रोल, केरोसिन आदि ज्वलनशील पदार्थ अपने पास नहीं रखेगा या लेकर नहीं चलेगा या उपयोग नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति संस्था समूह या अन्य किसी भी स्थान पर किसी भी प्रयोजन हेतु सक्षम अधिकारी की अनुमति बिना टेंट, पांडाल आदि का स्थाई या अस्थाई निर्माण नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य पक्ष किसी भी सड़क, रोड़, रास्ता, हाईवे, आदि पर एकत्रित होकर यातायात में व्यवधान नहीं करेंगे या किसी अन्य प्रकार से कोई रूकावट उत्पन्न नही करेंगे या किसी व्यक्ति को आने जाने एवं उसके कार्य करने से नहीं रोकेंगे। कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था, या ग्रुप एडमिन या अन्य सोशल मीडिया/ इलेक्ट्रॉनिक संसाधन जैसे मोबाईल, कम्प्यूटर, फेसबुक, ई-मेल, व्हाट्सएप्प एवं अन्य प्रकार के संचार साधनों पर किसी दल, धर्म, जाति, सम्प्रदाय, संस्था, व्यक्ति विरोधी एवं आमजन की भावना भड़काने वाले अथवा किसी के बुरा लगने या आहत करने वाले व कानून व्यवस्था की विपरीत स्थिति निर्मित करने वाले आपत्तिजनक मेसेज / चित्र/ कमेंट/ बैनर / पोस्टर आदि अपलोड नहीं करेगा / प्रदर्शित नहीं करेगा। शांति-कानून व्यवस्था तथा आमजन की सुरक्षा व सुविधा में संलग्न और शासकीय कर्तव्य पर उपस्थित एवं ड्यूटीरत पुलिसकर्मियों / पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के लिए यह निर्देश लागू नहीं होंगे। कानून एवं शांति व्यवस्था बनाएं रखने हेतु इन्हें आवश्यक वैधानिक छूट प्राप्त होगी। आवश्यक होने पर जिले में पदस्थ अनुविभागीय दण्डाधिकारीगण अपने अपने क्षेत्र में संबंधित नगर पुलिस अधीक्षक / अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) से परामर्श कर आवश्यक प्रतिबंध / शर्तों पर किसी कार्यक्रम की अनुमति प्रदान करने हेतु अधिकृत रहेंगे। यह आदेश जन साधारण की सुविधा हेतु तत्काल पालन हेतु प्रभावशील किया गया है। इतना समय उपलब्ध नहीं है कि जन सामान्य व सभी संबंधित पक्षों को उक्त सूचना की तामिली की जा सकें। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1), (2) क अंतर्गत एकपक्षीय पारित किया जाता है। कोई भी हितबद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (5) के अंतर्गत इस आदेश के विरूद्ध अपनी आपत्ति या आवेदन इस न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है। संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी / राजस्व अधिकारी/नगरीय व ग्रामीण निकाय के सक्षम अधिकारी भी सामान्य जन एवं संबंधितों को आदेश की सूचना जारी करें। यह आदेश तत्काल प्रभावशील रहेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय सहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है, अपने अनुभाग क्षेत्र में संबंधित एसडीएम / एसडीओ (पी) आदेश का पालन सुनिश्चित कराएंगे। यह आदेश जारी होने की दिनांक से 2 माह तक प्रभावशील रहेगा।
छोटे भाई और उसकी पत्नि के साथ मारपीट करने वाले भईया-भाभी एवं भतीजे को न्यायालय ने दी सजा।
सहायक निदेशक अभियोजन, जिला देवास, श्री गोविन्द प्रसाद घाटिया, द्वारा बताया गया कि 28 मार्च2018 को फरियादिया कौशल्या बाई ने थाने पर आकर सूचना दी की जब वह घर पर थी तब उसका जेठ दशरथ एवं उसका लड़का राहुल उसके घर के सामने आये और उसके पति दिलिप को घर की दीवार पर प्लास्टर नहीं करने देने की बात को लेकर मां बहन की अश्लील गालियां देने लगे। जब उसके पति ने गालियां देने से मना किया तो दशरथ ने दिलिप को लकड़ी की गारी जिससे उसके सिर में चोट लगकर खून निकलने लगा। राहूल ने दिलिप को लोहे की टॉमी से मारा जो उसकी बांई आंख पर लगी। इतने में दशरथ की पत्नि कुन्ताबाई आ गई और उसने दिलिप को पत्थर से मारा। जब दिलिप चिल्लाया तब फरियादिया कौशल्या बाई दिलिप को बचाने के लिये गई तो दशरथ ने उसे भी लकड़ी से मारा और राहूल ने टॉमी से मारा। जब वह चिल्लाई तो उसके ससुर पदमसिंह ने बीच-बचाव किया। दशरथ, राहुल और कुन्ताबाई ने जाते-जाते दिलिप और कौशल्या को बोला कि आईन्दा दीवार पर पलस्तर किया तो जान से मार देगंे। फरियादिया की सूचना से थाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दशरथ,कुन्ताबाई और राहूल के विरूद्ध अपराध क्रमांक 147/18 अन्तर्गत धारा 323,325,294,506/34 भादवि दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया की गई। उक्त प्रकरण में अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। मारपीट में आह्त दिलीप को सिर में मल्टीपल फैक्चर आये थे एवं वह बेहोश हो गया था। उक्त प्रकरण में माननीय न्यायिक मजिस्टेªट, प्रथम श्रेणी जिला देवास द्वारा निर्णय पारित कर आरोपीगण दशरथ पिता पदमसिंह, राहुल पिता दशरथ एवं कुन्ताबाई पति दशरथ को धारा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 325/34 में दोषी पाते हुये 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास व 3000-3000/- रूपयें के अर्थदण्ड एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323/34 में दोषी पाते हुये 1000-1000/- रूपयें के अर्थदण्ड से दण्डित किया एवं आह्त दिलीप को 9000/- रूपयें तथा आह्त कौशल्या बाई को 3000/- प्रतिकर के रूप में प्रदान कराये गये। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से श्री रईस शेख, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी, जिला देवास एवं विजय पटेल सहायक जिला अभियोजन अधिकारी जिला देवास द्वारा कुशल पैरवी की गई एवं उक्त प्रकरण में आरक्षक क्रं. 996 सचिन चौहान का विशेष सहयोग रहा।